संपादकीय

देश में तेल की कीमतों में लगी आग

तिशा वार्ष्णेय इसे क्या कहां जाये ? आपदा में अवसर या देश में जनता पर तेल कंपनियों की धमाचौकड़ी? जी हां पांच राज्यों में चुनाव समाप्त होते ही देशमें तेलकंपनियों ने पेट्रोल के दाम में छोटी ही सही लेकिन बढ़ोतरी कर दी है। ज्ञात रहे कि विगत 2 मई को पांच राज्यों के चुनाव परिणाम […]

संपादकीय

कोरोना का काल बनेगी मानवता की जिजिविषा

आर.के. सिन्हा कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सारे भारत को घुटने पर आने पर मजबूर कर दिया है। समझ नहीं आ रहा है कि कोरोना से कब देश और दुनिया को अंततः मुक्ति मिलेगी। पर यह भी अजीब सी बात ही है कि महामारी, अकाल, भूकम्प जैसी घटनायें बच्चों को इतिहास में पढ़ाई नहीं […]

संपादकीय

कोविड-19 का कहर और भारत की विदेश नीति

अली खान आज समूचा राष्ट्र अदृश्य विषाणु के खिलाफ जंग लड़ रहा है। कोरोना? की दूसरी वेव बेहद भयानक रूप से सामने आई है। दूसरी वेव सक्रिय होने से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। इस बीच देश ऑक्सीजन की भारी किल्लत झेलने को मजबूर है। आज देश भर से स्वास्थ्य सेवाओं के खस्ताहाल होने […]

संपादकीय

सेंट्रल विस्टा निर्माण पर उपजते सवाल

सौरभ वार्ष्णेय सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (नई विशालकाय संसद निर्माण कार्य) का अंग्रेजी नाम है। आखिरकार इस प्रोजेक्ट पर ऐसा क्या है जिस पर देश के विपक्ष नेसवाल उठा दिया है। वहीं विरोध सिर्फ इस बात का है कि कोविड महामारी के समय यह निर्माण रोक देना चाहिए ? जबकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी […]

संपादकीय

चलो फिर कोई ‘चिपको आंदोलन चलाया जाए

संजय सक्सेना बोतल में आम ‘माजा’ है नाम। भले ही यह स्लोगन व्यवसायिक हो,लेकिन इसमें कई निहितार्थ छिपे हुए हैं। कोरोना महामारी के दौर मे तो यह ’स्लोगन’ और भी सामायिक हो जाता है। ठीक वैसे ही जैसे अक्सर यह कहा जाता है ‘जैसा खाएं अन्न,वैसा बने मन।’ या फिर अक्सर इसी तरह की कुछ […]

संपादकीय

जीवन का सौन्दर्य एवं शक्ति है परिवार

ललित गर्ग अन्तर्राष्ट्रीय परिवार दिवस हर साल 15 मई को मनाया जाता है। देश एवं दुनिया को परिवार के महत्व को बताने के लिए यह दिवस मनाया जाता हैं। प्राणी जगत एवं सामाजिक संगठन में परिवार सबसे छोटी इकाई है। परिवार के अभाव में मानव समाज के संचालन की कल्पना भी दुष्कर है, इस बात […]

संपादकीय

नर्सों को सम्मानित व नमन करने का दिन अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस

-अशोक “प्रवृद्ध” सामान्य तौर पर ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य देख- भाल प्रणाली में सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सक अर्थात डॉक्टर हैं, लेकिन यह सच नहीं है। सच तो यह है कि नर्स सभी चिकित्सा संस्थानों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।विश्वभर में अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित लोगों की मदद, मरीजों की सुविधाओं और बीमार व्यक्ति के […]

संपादकीय

लॉकडाउन ही अंतिम विकल्प है?

डॉ. श्रीनाथ सहाय देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर थमने की बजाय नित नए रिकार्ड बना रही है। सारी कोशिशों के बावजूद बात बनती दिख नहीं रही है। इस बीच आंध्र प्रदेश में कोरोना का नया स्ट्रेन मिलने की खबर ने चिंता बढ़ा दी है। निस्संदेह देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण […]

संपादकीय

कोरोना संकट- पाक में कौन खड़ा है भारत के साथ

आर.के. सिन्हा कोरोना की दूसरी लहर के कारण भारत में जो कुछ हो रहा है उसे सारी दुनिया ने देखा। सारी दुनिया आज इस संकट में भारत के साथ खड़ी है। भारत को दुनिया के विभिन्न देशों से मदद भी मिल रही है। पहले दौर में भारत ने सबकी बढ़-चढ़कर मदद की ढ्ढ लिहाजा सभी […]

संपादकीय

कोरोना काल में उलटे-सीधे दावों के साथ कई कंम्पनियां कर रही हैं अपनी-अपनी दवाओं की ब्रांडिंग

अजय कुमार कोरोना महामारी से निपटने एवं अपने आप को इससे बचाए रखने के लिए देश के नागरिक हर संभव कोशिश कर रहे है,जिसकी जहां तक ‘पहुंचÓ है वह उसका उतना फायदा उठा रहा है। काढ़ा, भंपारा, गरारा, योगासन से लेकर विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। इंग्लिश से लेकर होम्योपैथिक, आर्युवैदिक, हकीमी सब […]